- - साकेत नगर में पिछले पांच सालों से शाम के समय अंधकार का सामना हो रहा है।
- - निवासियों ने पांच साल पहले डुप्लेक्स घरों का निर्माण शुरू किया।
- - घरों के सामने बिजली के खंभे लगाने के लिए महीनों की मशक्कत की गई।
- - रोड नंबर 4 पर बिजली के खंभे तो लग गए, लेकिन प्रकाश व्यवस्था ध्यान में नहीं रखी गई।
- - बच्चों को अंधकार के बाद बाहर निकलने से मना किया जाता है।
- - साकेत नगर में घरों के सामने जमा पानी के कारण जहरीले जीवों का खतरा है।
- - निवासियों ने जिला कलेक्टर के पास जाकर प्रकाश व्यवस्था की सुधार की मांग की है।
- - बरसात की रातों में साकेत नगर से गुजरना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।
"अंधेरे को गले लगाना: साकेत नगर में पर्याप्त रोशनी के लिए संघर्ष"
पिछले पांच साल से साकेत नगर में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। पांच साल पहले, साकेत नगर के निवासियों ने डुप्लेक्स घरों का निर्माण शुरू किया, जिसमें सड़कों पर बिजली के खंभे लगाने के लिए महीनों की मशक्कत करनी पड़ी। जबकि अब रोड नंबर 4 पर बिजली के खंभे लगाए गए हैं, प्रकाश व्यवस्था की उपेक्षा की गई है। नतीजतन, निवासियों को शाम के बाद घर जाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
बच्चों को अंधेरे के बाद बाहर निकलने से प्रतिबंधित किया गया
साकेत नगर, कोहका निवासी राकेश खत्री ने बताया कि पर्याप्त रोशनी के अभाव के कारण बच्चों को शाम के बाद बाहर निकलने से मना किया जाता है। चूंकि बिजली के खंभे लगाए गए हैं, इसलिए बिजली वितरण निगम के लिए इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना जरूरी है।
अंधकार के खतरों से त्रस्त
साकेत नगर, कोहका की निवासी प्रेमलता ने बताया कि स्ट्रीट लाइट की कमी के कारण साकेत नगर में घरों के सामने जमा पानी जमा हो जाता है, जिससे जहरीले जीवों का खतरा रहता है।
जिला कलेक्टर से अपील
साकेत नगर, कोहका के निवासी ढोली चक्रवर्ती ने बताया कि वे सार्वजनिक प्रदर्शनों के माध्यम से जिला कलेक्टर तक पहुंचे हैं और उनसे पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था की स्थापना में तेजी लाने का आग्रह किया है। बरसात की रातों के दौरान साकेत नगर से गुजरना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।